Stories Of Singhasan Battisi
सिंहासन बत्तीसी: बाईसवीं पुतली अनुरोधवती : Anurodhvati
- Autor: Vários
- Narrador: Vários
- Editor: Podcast
- Duración: 0:07:20
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Informações:
Sinopsis
अनुरोधवती अनुरोधवती नामक बाइसवीं पुतली ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है- राजा विक्रमादित्य अद्भुत गुणग्राही थे। वे सच्चे कलाकारों का बहुत अधिक सम्मान करते थे तथा स्पष्टवादिता पसंद करते थे। उनके दरबार में योग्यता का सम्मान किया जाता था। चापलूसी जैसे दुर्गुण की उनके यहाँ कोई कद्र नहीं थी। यही सुनकर एक दिन एक युवक उनसे मिलने उनके द्वार तक आ पहुँचा। दरबार में महफिल सजी हुई थी और संगीत का दौर चल रहा था। वह युवक द्वार पर राजा की अनुमति का इंतज़ार करने लगा। वह युवक बहुत ही गुणी था। बहुत सारे शास्रों का ज्ञाता था। कई राज्यों में नौकरी कर चुका था। स्पष्टवक्ता होने के कारण उसके आश्रयदाताओं को वह धृष्ट नज़र आया, अत: हर जगह उसे नौकरी से निकाल दिया गया। इतनी ठोकरे खाने के बाद भी उसकी प्रकृति तथा व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आ सका। वह द्वार पर खड़ा था तभी उसके कान में वादन का स्वर पड़ा और वह बड़बड़ाया- "महफिल में बैठे हुए लोग मूर्ख हैं। संगीत का आनन्द उठा रहे है, मगर संगीत का जरा भी ज्ञान नहीं है। साज़िन्दा गलत राग बजाए जा रहा है, लेकिन कोई भी उसे मना नहीं कर रहा है।" उसकी बड़बड़ाहट द्वारपाल को स्पष्ट सुनाई पड़ी। उसका चेहरा क्रो